माया मृग बनके मारीच
बन में आया,
स्वर्ण मय मनोहर वास्तव से सुंदर,
छल बल से सीता का मन भरमाया
स्वर्ण मय मनोहर वास्तव से सुंदर,
छल बल से सीता का मन भरमाया
माया मृग बनके मारीच
बन में आया
विनती सुनो रघुवीर
कृपाला, लादो मृग मन हरने वाला
इसको अयोध्या ले
जाउंगी, सबका वहां मन बहलाउंगी
मन के आग्रह प्राण
प्रिया का, माया मृग के पीछे, मायापति धाया
माया मृग बनके मारीच
बन में आया
No comments:
Post a Comment