सिया राम पिया के
साथ फिरन लागे हरी हरी फिरन लागे भांवरीया,
मन हर्षित पुलकित
गात फिरन लागे हरी हरी फिरन लागे भांवरीया सिया राम पिया के साथ
श्री जू सागर विष्णु
को सोंपे, हिमगिरी गौरी शिव संग ब्याही
जनक ने दियो राम को
सीता, विनयशील, गुणवती पुनीता
लोक रीती से मंगल
परिणय, कर सिया रघुनाथ
फिरन लागे हरी हरी
फिरन लागे भांवरीया सिया राम पिया के साथ
फिरन लागे हरी हरी
फिरन लागे भांवरीया सिया राम पिया के साथ
यधपि दोनों मित
पुराने, तदपि बने पुनि पुनि अनजाने
पुनि माल्यार्पण
पुनि गठबंधन, पुनि भावर फिर लक्ष्मी नारायण
माँनछुत वरदानी वर
द्वारा, सिंदूरी हु अमात, गोरी को मिले हरे हरे गोरी को मिले सांवरिय
छवि देखत नैन जुडात,
गोरी को मिले हरे हरे गोरी को मिले सांवरिय, छवि देखत नैन जुडात
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