राम नाम के साबुन से जो मन का मेल छुड़ाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
राम नाम के साबुन से जो मन का मेल
छुड़ाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
नर शारीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से
पाया है
झूटे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु
को बिसराया है
नर शारीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा
से पाया है
झूटे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु
को बिसराया है
समय हाथ से निकल गया
तो..........................
समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन
पछतायेगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
राम नाम के साबुन से जो मन का मेल
छुड़ाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
ब्यवहार
झूट कपट निंदा को त्यागो हर प्राणी से
प्यार करो
घर पर आये अतिथि कोई तो यथा शक्ति
सत्कार करो
झूट कपट निंदा को त्यागो हर प्राणी से
प्यार करो
घर पर आये अतिथि कोई तो यथा शक्ति
सत्कार करो
पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल
जायेगा
पता नही किस रूप में
आकर............................
पता नही किस रूप में आकर नारायण मिल
जायेगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
राम नाम के साबुन से जो मन का मेल
छुड़ाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु पर विश्वाश
नही
मंजिल कर पाना है क्या जब दीपक में
प्रकाश नहीं
साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु पर
विश्वाश नही
मंजिल कर पाना है क्या जब दीपक में
प्रकाश नहीं
निश्चय है तो भवसागर
से.............................
निश्चय है तो भवसागर से बेडा पार हो
जायेगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
राम नाम के साबुन से जो मन का मेल
छुड़ाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के
दर्शन पायेगा
दौलत का अभिमान है झुटा यह तो आनी जानी है
रजा रंक अनेक हुए कितनो कि सुनी कहानी
है
दौलत का अभिमान है झुटा यह तो आनी जानी
है
रजा रंक अनेक हुए कितनो कि सुनी कहानी
है
राम नाम प्रिय महामंत्र
ही...........................
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