Wednesday, August 10, 2022

अमृत है हरी नाम जगत में

अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
 
काल सदा अपने रस डोले
ना जाने कब सिर चढ़ बोले
काल सदा अपने रस डोले
ना जाने कब सिर चढ़ बोले
हरी का नाम जपो निसवासर
हरी का नाम जपो निसवासर
इसमें अब बरस महीना क्या 
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
तीरथ है हरी नाम तुम्हारा
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा
तीरथ है हरी नाम तुम्हारा
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा
तीरथ है हरी नाम तुम्हारा
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा
अंत समय हरी नाम ना आवे
अंत समय हरी नाम ना आवे
तो काशी और मदीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
 
भूषन से सब अंग सजावे
रसना पर हरी नाम ना आवे
भूषन से सब अंग सजावे
रसना पर हरी नाम ना लावे
हाँ भूषन से सब अंग सजावे
रसना पर प्रभु नाम ना लावे
भूषन से सब अंग सजावे
रसना पर हरी नाम ना लावे
देह पड़ी रह जाये यहीं पर
देह पड़ी रह जाये यहीं पर
प्यारे देह पड़ी रह जाये यहीं पर
देह पड़ी रह जाये यहीं पर
तो फिर कुंडल और नगीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में
अमृत है हरी नाम जगत में
अरे अमृत है प्रभु नाम जगत में
अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
प्रभु नाम नहीं तो जीना क्या













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