Thursday, May 26, 2016

दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया

दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥

द्वारे पे उसके जाके कोई भी पुकारता,
परम कृपा दे अपनी भव से उभारता ।
ऐसे दीनानाथ पे बलिहारी सारी दुनिया,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ॥

दो दिन का जीवन प्राणी कर ले विचार तू,
प्यारे प्रभु को अपने मन में निहार तू ।
बिना हरी नाम के दुखिआरी सारी दुनिया,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ॥

नाम का प्रकाश जब अंदर जगायेगा,
प्यारे श्री राम का तू दर्शन पायेगा ।
ज्योति से जिसकी है उजयारी सारी दुनिया,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ॥

तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे

राम नाम सोही जानिए जो रमता सकल जहाँ 
घर घर में जो रम रहा, उसको राम पहचान 
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार रे बेडा पार रे बेडा पार रे

तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2
काहे को डरे रे, काहे को डरे रे, काहे को डरे 
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2 

नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरी आप संभाले, नैया तेरी 
नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरी आप संभाले
हरी आप ही उठावें तेरा भार, उदासी मनैन कहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2

काबू में मझधार उसी के, हातों में पतवार उसी के, काबू में रे 
काबू में मझधार उसी के, हातों में पतवार उसी के
तेरी हार भी रही है तेरी हार, उदासी मन कहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2

सहज किनारा मिल जायेगा, मिल जायेगा मिल जायेगा  परम सहारा मिल जायेगा
सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा
डोरी सोंप के तो देख इक बार, उदासी मन कहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2

तू निर्दोष तुझे क्या डर है, तू निर्दोष तू निर्दोष (पग पग पर साथी इश्वर है-2)
तू निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी इश्वर है
जरा भावना किजिओ  पुकार, उदासी मन कहे को करे
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2
काहे को डरे रे, काहे को डरे रे, काहे को डरे 
तेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन कहे को करे-2 

Thursday, May 12, 2016

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
भैया भैया कह के भैया भैया कह के, रस प्राणों में घोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल................................................

इस धरती पर और ना होगा, मुझ जैसा हतभागा
मेरे रहते बाण शक्ति का, तेरे तन में लागा
जा नहीं सकता तोड़ के एसे, मुझसे नेह का धागा
में भी अपने प्रण तजूँगा, आज जो तू नहीं जागा
अंखियो के तारे, अंखियो के तारे लल्ला, अंखिया तो खोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल

बीती जाये रेन पवनसुत, क्यों अब तक नहीं  आये
बुझता जाये आस का दीपक, मनवा धीर गवाए
सूर्य निकलकर सूर्य वंश का, सूर्य डुबो ना जाये
बिना बुलाये बोलने वाले, बोले नहीं बुलाये
चुप चुप रहके, चुप चुप रहके मेरा, धीरज ना तोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
भैया भैया कह के भैया भैया कह के, रस प्राणों में घोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल, मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल................................................