Thursday, August 1, 2019

प्रगटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधईया

प्रगटे हैं चारों भैया, अवध में बाजे बधईया I
जन्मे हैं चरों भैया, अवध में बजे बधईया II

गलिन गलिन में धूम मची है I
बाज रही शैनैयाँ , अवध में बजे बधईया II

जगमग जगमग दियला जलत है I
झिलमिल होत अटरिया, अवध में बजे बधईया II

कौन लुटावे हिरा मोती I
कौन लुटावे रुपैया, अवध में बजे बधईया II

राजा लुटावे हीरा मोती I
मैया लुटावे रुपैया, अवध में बजे बधईया II

झांझ मृदंग ताल डप बाजे I
नाचत ता ता थैया, अवध में बजे बधईया II