Tuesday, November 26, 2019

नगरी हो अयोध्या सी

नगरी हो अयोध्या सी
नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो
रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
 
लक्ष्मण सा भाई हो
लक्ष्मण सा भाई हो
कौशल्या सी माई हो
कौशल्या सी माई हो
स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो 
स्वामी तुम जैसा मेरा रघुराई हो 
नगरी हो अयोध्या सी
नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो
रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
 
सरयू का किनारा हो
सरयू का किनारा हो
निर्मल जल धारा हो 
निर्मल जल धारा हो 
दरश मुझे भगवन हर घडी तुम्हारा हो 
दरश मुझे भगवन हर घडी तुम्हारा हो 
नगरी हो अयोध्या सी
नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो
रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
 
श्रद्धा हो श्रवण जैसी
श्रद्धा हो श्रवण जैसी
शबरी सी भक्ति हो 
शबरी सी भक्ति हो 
हनुमान के जैसी निष्ठा और शक्ति हो 
हनुमान के जैसी निष्ठा और शक्ति हो 
नगरी हो अयोध्या सी
नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो
रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
 
मेरी जीवन नैया हो
मेरी जीवन नैया हो
प्रभु राम खेवैया हो 
प्रभु राम खेवैया हो 
राम कृपा की सदा मेरे सर छय्या हो 
राम कृपा की सदा मेरे सर छय्या हो 
नगरी हो अयोध्या सी
नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो
रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो 
 
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई
रघुकुल रित सदा चली आई प्राण जाये पर वचन ना जाई 

हो त्याग भारत जैसा

हो त्याग भारत जैसा
सीता सी नारी हो 
सीता सी नारी हो 
लवकुश के जैसी संतान हमारी हो 
लवकुश के जैसी संतान हमारी हो 
नगरी हो अयोध्या सी
नगरी हो अयोध्या सी
रघुकुल सा घराना हो
रघुकुल सा घराना हो
चरण हो राघव के

जहाँ मेरा ठिकाना हो 

रघुकुल में सूर्य समान हो

रघुकुल में सूर्य समान हो तुम  हे राम तुम्हारी जय होवे
असुरों के लिए कृशानु हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे

गो द्विज महिसुर संतों के हित, नर तन में प्रगटे त्रिभुवन पति
नर हो कर भी निर्वाण हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे

जो शंकर के सबसे सुख हैं, वे आज हमारे सन्मुख हैं
हम भक्त और भगवान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे

बिन जाने वाद विवाद हुआ, छमियेगा जो अपराध हुआ
करुणानिधि कृपा निधान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे

हे सीते शक्ति सदा जय हो, हे लक्ष्मण शेष सदा जय हो
सर्वोपरि महा महान हो तुम हे राम तुम्हारी जय होवे

Monday, September 23, 2019

राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो

राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो
लोक दर्शन को चले आये, सुहाना हो तो ऐसा हो
यज्ञ के काम करने को-2, मुनीश्वर ले गये वन मे-2
उड़ाये शीश देत्यों के, निशाना हो तो ऐसा हो
राम दशरथ
धनुष को जानकर तोड़ा-2, जनक की राजधानी में-2
फूल सब मन में शर्माए-2, लजाना हो तो ऐसा हो
राम दसरथ
पिता की मानकर आज्ञा-2, राम बन को चले आये-2
न छोडा संग सीता ने-2, जनाना हो तो ऐसा हो-2
राम दशरथ
सिया को ले गया रावण-2, बनाकर भेष जोगी का-2
कराया नाश सब अपना-2 दीवाना हो तो ऐसा हो-2
राम दशरथ
प्रित सुग्रीव से करके-2, गिराया बाण से बाली-2
दिलाई नार फिर उसकी-2, यराना हो तो ऐसा हो-2
राम दसरथ
गया हनुमान सीता की-2, खबर लेने को लंका में-2
जलाकरके नगर आया-2,हराना हो तो ऐसा हो-2
राम दसरथ
बान्ध सेतु समुंदर में-2, उतारा पार सेना को-2
मिटाया वंश रावण का-2 हराना हो तो ऐसा हो
राम दशरथ
राज्य देकर विभिशण को-2 अयोध्या लौटकर आये-2
कहे ब्रह्मानंद बल अपना-2 दिखाना हो तो ऐसा हो-2
राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो
लोक दर्शन को चले आये, सुहाना हो तो ऐसा हो
राम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो



Thursday, August 1, 2019

प्रगटे हैं चारों भैया अवध में बाजे बधईया

प्रगटे हैं चारों भैया, अवध में बाजे बधईया I
जन्मे हैं चरों भैया, अवध में बजे बधईया II

गलिन गलिन में धूम मची है I
बाज रही शैनैयाँ , अवध में बजे बधईया II

जगमग जगमग दियला जलत है I
झिलमिल होत अटरिया, अवध में बजे बधईया II

कौन लुटावे हिरा मोती I
कौन लुटावे रुपैया, अवध में बजे बधईया II

राजा लुटावे हीरा मोती I
मैया लुटावे रुपैया, अवध में बजे बधईया II

झांझ मृदंग ताल डप बाजे I
नाचत ता ता थैया, अवध में बजे बधईया II